विष्णु दिगंबर पलुस्कर संगीत अकादमी

इस अकादमी की स्थापना का मूल उद्देश्य स्व. विष्णु दिगम्बर पलुसकरजी के नाम से एक संस्था स्थापित करना है. इस नाम की संस्था संभवतः भारत की प्रथम संस्था होगी. इस अकादमी की कार्यप्रणाली का स्त्रोत स्व. विष्णु दिगम्बर पलुसकर तथा उनका कार्य है.

आज के आधुनिक समय की मांग एवं पं. पलुसकर जी के सांगीतिक सिद्धांतो का उचित समन्वयन  एवं उनका क्रियान्वयन का प्रयास उस संस्था के मुख्य उद्देश्यों में से एक है. सुसंस्कृत समाज में शास्त्रीय संगीत की रूचि रखनेवाले तथा उसका अध्ययन करनेवाले व्यक्तियो को संगीत की शिक्षा एवं अध्ययन में सुगमता से उचित मार्गदर्शन प्राप्त हो इस उद्देश्य से इस पाठ्यक्रम की रचना की गई है

परीक्षा के अतिरिक्त संगीत शिक्षा, ग्रंथालय, संगीत विषयक गोष्ठियाँ, विविध कार्यशाला अनुसंधान, परीक्षक प्रशिक्षण, सुर-संवाद मासिक समाचार पत्रिका जैसे अनेक कार्य इस अकादमी द्वारा किये जा रहे है.

पाठ्यक्रम के साथ-साथ परीक्षा संबंधित सामान्य नियमों को भी सम्मिलित किया गया है. गायन-स्वरवाद्य, तबला, भारतनाट्यम्, कथक तथा ओडिसी का पाठ्यक्रम बनाया गया है.